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मेरा पहला प्यार
मेरा पहला प्यार


कल जब ' मैंने उसे देखा बस स्टैंड पर , वही पुराना स्टाइल बाल को खुले हुए और हवा के झोंके से उसका दुपट्टा मेरे चेहरे को बार बार ढक रहे थे। बस के आते ही वो चल पड़ी और जाते जाते मेरे होश भी ले गई। तभी मेरे गाल पर जोर सा थप्पड़ लगा , ' मम्मी थी पास में । बोली कब से तू मेरा पल्लू पकड़ कर अनाब सनाब बक रहा था। तेरा सिर से उसका भूत गया नहीं अभी तक । मम्मी की बातों ने मुझे उसकी फिर याद दिला दी । मेरे collageके दिनों में ' मैं एक लड़की से मिला जिसकी सोच और खयालात मिलते थे मुझसे । रमिया नाम था उसका । रमिया मेरे ही collage के वॉचमैन की बेटी थी। मां बचपन में ही छोड़ चली गई थी सारा...