...

21 views

An unsatisfied ant
एक बोहोत बड़ा प्रसिद्ध मंदिर था.
उसमे बेशक भक्त भी ज्यादा आते थे, अपनी मनोकमना पूर्ण करने. दूर से देखने मे ऐसा लगता था की भगवान और उनमे कोई लेनदेन का bussines चल रहा है. भक्त भगवान के लिए चढ़ावा लेके आते और बदले मे प्रसाद के साथ अपनी 'अदृश्य रसीद' लेके जाते. जिस दिन त्यौहार होता उस दिन मंदिर मे प्रसाद ज्यादा बनता था. अच्छा से बड़े कमरे मे प्रसाद का पहाड़ बना कर रखते थे, और उस कमरे को चीटियों से बचाने के लिए कमरे के बाहर से एक शक्कर की लक्मण रेशा कीच देते थे.
चीटियां अपनी सेना लेके आती थी और शक्कर को पा कर बड़ी खुश होती थी, मानो स्वर्ग मिल गया.लेकिन असली स्वर्ग तो उस रेशा के पीछे था. सभी चीटिया आती शक्कर का एक दाना पा कर खुश होती, संतुष्ट होती और अपने साथ ले जाती. अगर एक चींटी ने भी सोचा होता या हिम्मत की होती की इस रेशा के पार क्या है?, मै जा के देखु? तो आज उनकी स्वर्ग की परिभाषा बदल जाती.
.
.
.
.
.
you know what to do when world offers you bread .

#original
#writco
#WritcoQuote #writersofinstagram