शिवांगी की कहानी (भाग_2)
भाग_2
शिवांगी खाट पे लेटी ही थी कि उसके मामा यानी के मम्मी के चचेरे भाई आए और बोले यहां क्यों सो रही, अंदर आ कर सो जाओ उनका घर भी नाना के घर के बगल में ही था, पर शिवांगी लोगों से जल्दी नहीं जुड़ पाती थी, और वह हमेशा से मम्मी के साथ ही रहने में सुरक्षित महसूस करती थी, भले ही वो मामा थे और मम्मी के भाई, मगर शिवांगी किसी से ज्यादा बात करना पसंद नहीं करती और उसे अपने _आप में रहना अच्छा लगता है, शिवांगी नहीं जाना चाहती थी इसीलिए मामा के घर के अंदर जाकर सोने के लिए बोलने पर भी आंख बंद किए सोने का नाटक करते लेटी रही, और फिर मामा शादी के काम के लिए चले गए लेकिन वो थोड़ी देर में फिर आए और बार_ बार अंदर जाकर सोने को बोलने लगे, शिवांगी मम्मी को बताए बिना नही जाना चाहती थी इसीलिए वो अंदर उन्हें ढूंढने गई पर वो शादी में व्यस्त थी तो नही मिल पाई, इसीलिए शिवांगी अपनी मौसी जिसके साथ उसे बचपन में रहना बहुत पसंद था, क्योंकि मम्मी ने बताया कि मौसी उनके के घर पर ही रह कर अपनी पढ़ाई की और जब शिवांगी का जन्म हुआ वो वहीं थी जिससे शिवांगी घुल_मिल गई थी, शिवांगी मौसी से बोलकर की वो थक गई है, इसीलिए मामा के घर पे सोने जा रही, कहने को दो घर अलग_ अलग थे लेकिन दोनो अगल_ बगल थे और रिश्तेदारी और परिवार होने के कारण ये एक घर के दो अलग कमरे की तरह था फिर भी न जाने क्यों चौखट पे शिवांगी के पैर थोड़ा रुक गए, मगर फिर मामा की पीछे से आवाज आई चलो_ चलो
मामा अंदर कमरे में लेकर गए वहां उनका बेटा सो रहा था जो कि शायद 7_ 8 साल का रहा होगा, वो बोले यहां सो जाओ वो आते हैं, शिवांगी घबराई हुई थी पर कुछ भी गलत नहीं लगा वहां वो जाकर लेट गई,
पर फिर थोड़ी देर बाद शिवांगी के मामा आए और बोले थक गए...
शिवांगी खाट पे लेटी ही थी कि उसके मामा यानी के मम्मी के चचेरे भाई आए और बोले यहां क्यों सो रही, अंदर आ कर सो जाओ उनका घर भी नाना के घर के बगल में ही था, पर शिवांगी लोगों से जल्दी नहीं जुड़ पाती थी, और वह हमेशा से मम्मी के साथ ही रहने में सुरक्षित महसूस करती थी, भले ही वो मामा थे और मम्मी के भाई, मगर शिवांगी किसी से ज्यादा बात करना पसंद नहीं करती और उसे अपने _आप में रहना अच्छा लगता है, शिवांगी नहीं जाना चाहती थी इसीलिए मामा के घर के अंदर जाकर सोने के लिए बोलने पर भी आंख बंद किए सोने का नाटक करते लेटी रही, और फिर मामा शादी के काम के लिए चले गए लेकिन वो थोड़ी देर में फिर आए और बार_ बार अंदर जाकर सोने को बोलने लगे, शिवांगी मम्मी को बताए बिना नही जाना चाहती थी इसीलिए वो अंदर उन्हें ढूंढने गई पर वो शादी में व्यस्त थी तो नही मिल पाई, इसीलिए शिवांगी अपनी मौसी जिसके साथ उसे बचपन में रहना बहुत पसंद था, क्योंकि मम्मी ने बताया कि मौसी उनके के घर पर ही रह कर अपनी पढ़ाई की और जब शिवांगी का जन्म हुआ वो वहीं थी जिससे शिवांगी घुल_मिल गई थी, शिवांगी मौसी से बोलकर की वो थक गई है, इसीलिए मामा के घर पे सोने जा रही, कहने को दो घर अलग_ अलग थे लेकिन दोनो अगल_ बगल थे और रिश्तेदारी और परिवार होने के कारण ये एक घर के दो अलग कमरे की तरह था फिर भी न जाने क्यों चौखट पे शिवांगी के पैर थोड़ा रुक गए, मगर फिर मामा की पीछे से आवाज आई चलो_ चलो
मामा अंदर कमरे में लेकर गए वहां उनका बेटा सो रहा था जो कि शायद 7_ 8 साल का रहा होगा, वो बोले यहां सो जाओ वो आते हैं, शिवांगी घबराई हुई थी पर कुछ भी गलत नहीं लगा वहां वो जाकर लेट गई,
पर फिर थोड़ी देर बाद शिवांगी के मामा आए और बोले थक गए...