तेरी-मेरी यारियाँ ! ( भाग-8 )
अगली सुबह,,,, 6:00 बजे,,,,
सुबह के 6:00 बज चुके है । प्रकृति भी रोज की तरह अपने काम मे जुट चुकी है । वही दूसरी ओर पार्थ की माँ अनुराधा कब से उसको आवाज लगा रही है पर उसके कानों तक तो आवाज जैसे पहुँच ही नही रही है ।
अनुराधा अगर पार्थ को प्यार करना जानती है तो गलती होने पर उसको डांटना भी जानती है । अनुराधा बेड पर ही पार्थ के पास बैठ जाती है और प्यार से उसके सिर को सहलाते हुए बोलती है ।
अनुराधा :- पार्थ,,,,,,,, पार्थ बेटा उठो सुबह हो गई ।
पार्थ :- माँ थोड़ी देर और सोने दीजिए ना बस पाँच मिनट मे उठ रहा हूँ ।
अनुराधा :- नही बेटा उठ जाओ सुबह के 6:00 बज चुके है चलो उठो ।
पार्थ :- लेकिन माँ अभी तो,,,,,,,,,,,,,,
पार्थ आगे कुछ बोलता अनुराधा बीच मे ही बोल पड़ती है ।
अनुराधा:-...
सुबह के 6:00 बज चुके है । प्रकृति भी रोज की तरह अपने काम मे जुट चुकी है । वही दूसरी ओर पार्थ की माँ अनुराधा कब से उसको आवाज लगा रही है पर उसके कानों तक तो आवाज जैसे पहुँच ही नही रही है ।
अनुराधा अगर पार्थ को प्यार करना जानती है तो गलती होने पर उसको डांटना भी जानती है । अनुराधा बेड पर ही पार्थ के पास बैठ जाती है और प्यार से उसके सिर को सहलाते हुए बोलती है ।
अनुराधा :- पार्थ,,,,,,,, पार्थ बेटा उठो सुबह हो गई ।
पार्थ :- माँ थोड़ी देर और सोने दीजिए ना बस पाँच मिनट मे उठ रहा हूँ ।
अनुराधा :- नही बेटा उठ जाओ सुबह के 6:00 बज चुके है चलो उठो ।
पार्थ :- लेकिन माँ अभी तो,,,,,,,,,,,,,,
पार्थ आगे कुछ बोलता अनुराधा बीच मे ही बोल पड़ती है ।
अनुराधा:-...