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मास्टरमाइंड (भाग 1)
नई दिल्ली, 31 जुलाई, सोमवार सुबह 6:00 बजे

एक आदमी आवाज लगाता है काव्या.... उठ जाओ बेटा, काव्या.... तभी उस आदमी की धर्मपत्नी उससे कहती हैं... 'राम सोने दीजिए ना... हफ्ते में एक ही दिन तो घर आती है..'
राम: नहीं मेरी प्यारी सीते.... अगर मैंने उसे उठाया नहीं तो वो मुझसे नाराज़ हो जाएगी... ऑफिस भी तो जाना है उसे....
सीता: वो अब बच्ची नहीं रही जो उसे उठाने की जरूरत पड़े... 25 साल की हो गई है और अगर उसको अपने ऑफिस से इतना ही प्यार है तो कह दीजिए वो रविवार को भी घर ना आया करे।
राम: कैसी बात करती हो? और मुझे समझ नहीं आता तुमको उसके काम से इतनी दिक्कत क्या है?
सीता: मुझे केवल उसके काम से नहीं बल्कि आपके काम से भी दिक्कत है... पति पुलिस वाला और बेटी.. प्राइवेट डिटेक्टिव... मेरी ही किस्मत फूटी थी जो मुझे आपसे प्यार हो गया। महलों का घर छोड़ इस छोटे से तीन कमरों के घर में रहने आ गई...
राम: अच्छा अब बस भी कर दो.... और काव्या को उठाओ...

सीता जी काव्या को उठाती हैं ये कहकर कि 8 बज गए हैं... काव्या 8 बजने का नाम सुनकर चौंक जाती है... और उठकर झल्लाते हुए बोलती है....

काव्या: मां.. आपने पहले क्यों नहीं उठाया... 8.30 बजे ऑफिस खोलना था मुझे।
सीता: कोई केस तो आता नहीं.. ऑफिस खोलकर क्या करोगी??
काव्या: क्यों नहीं आता.. आया तो था....
सीता: हां बिल्कुल, आया तो था... पिछले सालभर में पूरे 5 केस आया है ..... पहला... किसी का कुत्ता खो गया था दूसरा... किसी का जूता... और...
काव्या: माँ...
सीता: तुम मुझे बताओ क्या फ़ायदा हुआ कानून(Law) और अपराध शास्त्र( Criminlogy ) पढ़कर... मैं तो कहती हूँ तुम भी मेरी तरह टीचर...

काव्या अपनी मां को नजर अंदाज करके बाथरूम चली जाती है और राम जी अपनी पुलिस की वर्दी पहनने लगते हैं....

कुछ देर बाद खाने के टेबल पर...

सीता: काव्या रुको... ये क्या करने जा रही हो?
काव्या: मां जूस पीने जा रही हूं...
सीता: वो जूस नहीं दूध है...
काव्या: ओह सॉरी माँ, मैंने ध्यान नहीं दिया।
राम: जब आपको पता है कि उसे दूध से एलर्जी है तो आप दूध क्यों मंगवाती हैं....?
सीता: आपको भी तो अंडे से एलर्जी है तो आप अंडा क्यों मंगवाते हैं?
राम: क्योंकि अंडे काव्या को बहुत पसंद हैं...
सीता: तो आपको भी तो दूध वाली चाय बहुत पसंद है...

काव्या और उसके माता-पिता की नोंकझोंक ऐसी ही चलती है और फिर राम जी और काव्या कुछ देर बाद अपने काम पर निकल जातै हैं।

रात को 1 बजे, काव्या अपने ऑफिस में सोे रही होती है तभी उसे उसकी मां का फोन आता है...

काव्या: माँ क्या हुआ... पापा अभी तक घर नहीं आये हैं क्या....?? कोई बात नहीं सो जाइये थोड़ी देर में आ जायेंगे।

काव्या की मां रोने लगती हैं और उनके रोने की आवाज सुनकर काव्या उठकर बैठ जाती है...

काव्या: माँ क्या हुआ?? आप रो क्यों रही हैं...? सब ठीक है न...पापा...
सीता: काव्या.... पुलिस स्टेशन से फोन आया था... तुम्हारे पापा को गोली लगी है...



To Be Continued...
#mastermind
© Sankranti chauhan