मेरे बुआ फूफा जी दोनो से कुछ कहना है🙏🏿🙏🏿🙏🏿
भगवान होते है ये में नहीं जानती लेकिन सब कुछ
त्याग कर किसी दूसरे की औलाद पालना वो अपने औलाद से बढ़कर कोई नही कर सकता खुद सगे मां बाप भी नहीं जितना तुमने मुझे दिया वो कोई नही दे सकता था मेरे बाप मेरी मां ने मुझे छोड़ दिया तब तुम दोनो मेरी जिंदगी में आए और
और मुझे बहुत कुछ दिया सिखाया मेरे बोलने से पहले वो चीज मेरे सामने होती थी पर अब कोई नहीं है मुझसे मेरे ज़रूरत पूछने वाला कोई नही है
मेरी कभी फूफा से नही बनी क्योंकि हमारी सोच बहुत अलग थी लेकिन में सिर्फ बाहर से कठोर बनके दिखाती थी वो सोचते थे ये मेरी परवा नही करती लेकिन ऐसा नहीं था में आने वाले कल को लेकर दुखी रहती थी क्योंकि जो होने वाला होता मुझे पहले पता चल जाता और कोई समझने को तैयार नहीं था कि मैं सच बोल रही हूं सबको लगता ये किसी का अच्छा नही सोच सकती तभी हमारी कभी नहीं बनी दिन निकलते गए हमारी सोच वही थी आपस में कभी नहीं बनी में सिर्फ अच्छा चाहती थी और कुछ नहीं लेकिन सब उल्टा ही हो जाता ऐसे ही स्कूल टाइम भी कभी कोई खुशी नही मतलब नही क्या हो रहा हैं क्या नही वो कभी मेरे स्कूल नहीं गए मेरे स्कूल की सभी दोस्त के पापा आते मेरे कोई नहीं में दूसरो के पापा से सिंगनेचर करवा लेती और दिन निकलते गए फिर स्कूल खतम हुआ कॉलेज जाना था लेकिन नहीं जा पाई इतने पैसे नही थे और पढ़ाई रूक गई मे जॉब करने लगीं मेरी उम्र १६ की थी फिर धीरे धीरे दिन निकलते गए फिर धीरे धीरे मम्मी पापा बीमार पड़ने लगे मेरे बुआ फूफा जी मेरी शादी हो गईं थीं khuc साल में पापा बीमार पड़ने लगे उनकी दोनो किडनी फेल हो चुकी थी लेकिन डॉक्टर ने हमको अंधेरे में रखा सच नही बताया कि फूफा जी नही बचेंगे हम उम्मीद लगा कार बैठे थे उनकी हालत दिन पर दिन खराब होने लगी प्राईवेट डॉक्टर लुट रहे थे सरकारी में दिखा नहीं सकते थे रोज सुई लग रही थी मंहगी महंगी अब वो डाॅक्टर जानें महंगी थी या नहीं उनमें कोई सुधार नहीं आया और वो दिन पर दिन खत्म हो रहे थे जब पैसे खत्म होने लगे तो मम्मी बोली बुआ बोली इनके ईलाज के लिए पैसे तो खत्म होने लगे है अब क्या होगा मेने बोला परेशान क्यों होना मुझे शादी में जो जेवर चढ़ा है उसको बैच दो पैसे आ जाएंगे किसी से क्यों मांगना तभी बुआ बोली तू पागल है ऐसा नहीं होता मेने बोला इसी दिन के लिए जेवर बनते है अब आज उसको बैच दो बुआ बोली तुझे तेरे फूफा कीतना गलत समझते है इनको ठीक होने दे तब उनको बताऊंगी तू ऐसी नी है जेसे ये समझते है उसके दूसरे दिन फूफा खतम हो गए फिर हमने सब कुछ किया उनको मेरे पति ने उनका काम किया कोई हाथ नहीं लगा रहा था दामाद होकर इनको करना पड़ा और कुछ दिन बाद बुआ बीमार पड़ गई दवाएं लाने को पैसे नहीं थे मम्मी को भी पता था घर में पीसी नहीं है वो बोली में दवाई लेने नही जाऊंगी अगर कोई बोलेगा तो में क्या करूंगी मेने दिन में। भेज दिया दवाई लेने ये बोलकर अभी ले आओ में शाम को पैसे दे दूंगी बुआ चली गई फिर शाम हुई उनको डॉक्टर के पास जाना था मेने बोला थोड़ी देर रुको में आई अभी फिर सुनार पे गई अपनी शादी में मिली पायल बेच कर आई और उनको पैसे दिए फिर मेरी आंटी बोली तुझे पता है तू क्या कर रही हैं तेरी शादी को पायल है तू क्यों बेच रही हैं उनको पता है मेने बोला नही उनको मत बताना वो ठीक होने के लिए दवाई भी नहीं लेने जायेगी तभी ऐसा किया मेने बोला बुआ ठीक हो जाए मेरे लिए वही सबकुछ है मुझे कुछ नही चाहिए तब उन्होंने ये बात बोली वो ठीक हो जाए तो उनको बता दूंगी की तूने क्या किया है मेने बोला बुआ है मेरी में सही बेटी नहीं लोग मुझे कुछ भी बोले जो करना है करूंगी बाकी में बहुत रोई उस दिन शाम को फिर मेने बोला अगर एडमिट करना पड़े वो भी कर दूंगी और खुदको बेचना पड़े वो भी हो कर दूंगी। सारे ज़ेवर बैच दूंगी उसी रात बुआ भी खतम हो गई और उनको कोई बात कुछ भी नहीं पता चली कब क्या हुआ इसलिए जो कहना चाहते हो के दो बाद में मत करना मुझे उन्होंने सपने में पूछा पैसे कहां से आए तब मेने उनको बताया जेवर बेचकर सही समय बहुत कम लोगों का आता है इसलिए बोल दो जो बोलना है🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🥺🥺🥺🥺
© hatho ki lakiren aur kuch nhi......
त्याग कर किसी दूसरे की औलाद पालना वो अपने औलाद से बढ़कर कोई नही कर सकता खुद सगे मां बाप भी नहीं जितना तुमने मुझे दिया वो कोई नही दे सकता था मेरे बाप मेरी मां ने मुझे छोड़ दिया तब तुम दोनो मेरी जिंदगी में आए और
और मुझे बहुत कुछ दिया सिखाया मेरे बोलने से पहले वो चीज मेरे सामने होती थी पर अब कोई नहीं है मुझसे मेरे ज़रूरत पूछने वाला कोई नही है
मेरी कभी फूफा से नही बनी क्योंकि हमारी सोच बहुत अलग थी लेकिन में सिर्फ बाहर से कठोर बनके दिखाती थी वो सोचते थे ये मेरी परवा नही करती लेकिन ऐसा नहीं था में आने वाले कल को लेकर दुखी रहती थी क्योंकि जो होने वाला होता मुझे पहले पता चल जाता और कोई समझने को तैयार नहीं था कि मैं सच बोल रही हूं सबको लगता ये किसी का अच्छा नही सोच सकती तभी हमारी कभी नहीं बनी दिन निकलते गए हमारी सोच वही थी आपस में कभी नहीं बनी में सिर्फ अच्छा चाहती थी और कुछ नहीं लेकिन सब उल्टा ही हो जाता ऐसे ही स्कूल टाइम भी कभी कोई खुशी नही मतलब नही क्या हो रहा हैं क्या नही वो कभी मेरे स्कूल नहीं गए मेरे स्कूल की सभी दोस्त के पापा आते मेरे कोई नहीं में दूसरो के पापा से सिंगनेचर करवा लेती और दिन निकलते गए फिर स्कूल खतम हुआ कॉलेज जाना था लेकिन नहीं जा पाई इतने पैसे नही थे और पढ़ाई रूक गई मे जॉब करने लगीं मेरी उम्र १६ की थी फिर धीरे धीरे दिन निकलते गए फिर धीरे धीरे मम्मी पापा बीमार पड़ने लगे मेरे बुआ फूफा जी मेरी शादी हो गईं थीं khuc साल में पापा बीमार पड़ने लगे उनकी दोनो किडनी फेल हो चुकी थी लेकिन डॉक्टर ने हमको अंधेरे में रखा सच नही बताया कि फूफा जी नही बचेंगे हम उम्मीद लगा कार बैठे थे उनकी हालत दिन पर दिन खराब होने लगी प्राईवेट डॉक्टर लुट रहे थे सरकारी में दिखा नहीं सकते थे रोज सुई लग रही थी मंहगी महंगी अब वो डाॅक्टर जानें महंगी थी या नहीं उनमें कोई सुधार नहीं आया और वो दिन पर दिन खत्म हो रहे थे जब पैसे खत्म होने लगे तो मम्मी बोली बुआ बोली इनके ईलाज के लिए पैसे तो खत्म होने लगे है अब क्या होगा मेने बोला परेशान क्यों होना मुझे शादी में जो जेवर चढ़ा है उसको बैच दो पैसे आ जाएंगे किसी से क्यों मांगना तभी बुआ बोली तू पागल है ऐसा नहीं होता मेने बोला इसी दिन के लिए जेवर बनते है अब आज उसको बैच दो बुआ बोली तुझे तेरे फूफा कीतना गलत समझते है इनको ठीक होने दे तब उनको बताऊंगी तू ऐसी नी है जेसे ये समझते है उसके दूसरे दिन फूफा खतम हो गए फिर हमने सब कुछ किया उनको मेरे पति ने उनका काम किया कोई हाथ नहीं लगा रहा था दामाद होकर इनको करना पड़ा और कुछ दिन बाद बुआ बीमार पड़ गई दवाएं लाने को पैसे नहीं थे मम्मी को भी पता था घर में पीसी नहीं है वो बोली में दवाई लेने नही जाऊंगी अगर कोई बोलेगा तो में क्या करूंगी मेने दिन में। भेज दिया दवाई लेने ये बोलकर अभी ले आओ में शाम को पैसे दे दूंगी बुआ चली गई फिर शाम हुई उनको डॉक्टर के पास जाना था मेने बोला थोड़ी देर रुको में आई अभी फिर सुनार पे गई अपनी शादी में मिली पायल बेच कर आई और उनको पैसे दिए फिर मेरी आंटी बोली तुझे पता है तू क्या कर रही हैं तेरी शादी को पायल है तू क्यों बेच रही हैं उनको पता है मेने बोला नही उनको मत बताना वो ठीक होने के लिए दवाई भी नहीं लेने जायेगी तभी ऐसा किया मेने बोला बुआ ठीक हो जाए मेरे लिए वही सबकुछ है मुझे कुछ नही चाहिए तब उन्होंने ये बात बोली वो ठीक हो जाए तो उनको बता दूंगी की तूने क्या किया है मेने बोला बुआ है मेरी में सही बेटी नहीं लोग मुझे कुछ भी बोले जो करना है करूंगी बाकी में बहुत रोई उस दिन शाम को फिर मेने बोला अगर एडमिट करना पड़े वो भी कर दूंगी और खुदको बेचना पड़े वो भी हो कर दूंगी। सारे ज़ेवर बैच दूंगी उसी रात बुआ भी खतम हो गई और उनको कोई बात कुछ भी नहीं पता चली कब क्या हुआ इसलिए जो कहना चाहते हो के दो बाद में मत करना मुझे उन्होंने सपने में पूछा पैसे कहां से आए तब मेने उनको बताया जेवर बेचकर सही समय बहुत कम लोगों का आता है इसलिए बोल दो जो बोलना है🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🥺🥺🥺🥺
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