हमारी पाठशाला
मेरी प्राथमिक शिक्षा गांव की एक पाठशाला में हुई.
उस समय गांव में आज की तरह शिक्षक-शिक्षिकाओं को सर और मैडम न कहकर मासाब और बहनजी से संबोधित किया जाता था.
उन दिनों हिंदी विषय में एक पाठ था "गाय"आज के समय में है या नहीं पता नहीं.
तो...
उस समय गांव में आज की तरह शिक्षक-शिक्षिकाओं को सर और मैडम न कहकर मासाब और बहनजी से संबोधित किया जाता था.
उन दिनों हिंदी विषय में एक पाठ था "गाय"आज के समय में है या नहीं पता नहीं.
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