नोटा वोट
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।
आए दिन किसी न किसी मुद्दे पे गंभीर बहसे होती रहती। अभी-अभी चाय पार्लियामेंट में एक अत्यंत विवादास्पद चर्चा हो रही थी ।
बात ये थी कि इस बार उम्मीदवारों का सिस्टम बदल गया। कई जगह जो दलित वर्ग के लिए आरक्षित सीटें थी वो हट गई या बदल गई।
पार्लियामेंट के मुख्य सदस्य इसी बात पे मत व्यक्त कर रहे थे। कुछ लोग जो बस चाय पीने आए वो इनकी बात सुन निगाह टरका रहे थे ।
हालाकि कोई इस अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पर अपना माथा पटकने के पक्ष में नहीं था।
अचानक बनवारी जी ने नया पृष्ठ पलटा, अब उनकी निगाहें एक खबर पर टिकी। ' सरकार की कर्जमाफी किसानों को तोहफा '
उन्होंने खबर जोर से पड़ी।
शलक साहेब जो बोल रहे थे बोले "लगता है सरकार ने सारी तिकड़म लगा दी,उनके पत्ते भी सही बैठ रहे है अब एक और मुनादी फिरा दी"
...
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।
आए दिन किसी न किसी मुद्दे पे गंभीर बहसे होती रहती। अभी-अभी चाय पार्लियामेंट में एक अत्यंत विवादास्पद चर्चा हो रही थी ।
बात ये थी कि इस बार उम्मीदवारों का सिस्टम बदल गया। कई जगह जो दलित वर्ग के लिए आरक्षित सीटें थी वो हट गई या बदल गई।
पार्लियामेंट के मुख्य सदस्य इसी बात पे मत व्यक्त कर रहे थे। कुछ लोग जो बस चाय पीने आए वो इनकी बात सुन निगाह टरका रहे थे ।
हालाकि कोई इस अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पर अपना माथा पटकने के पक्ष में नहीं था।
अचानक बनवारी जी ने नया पृष्ठ पलटा, अब उनकी निगाहें एक खबर पर टिकी। ' सरकार की कर्जमाफी किसानों को तोहफा '
उन्होंने खबर जोर से पड़ी।
शलक साहेब जो बोल रहे थे बोले "लगता है सरकार ने सारी तिकड़म लगा दी,उनके पत्ते भी सही बैठ रहे है अब एक और मुनादी फिरा दी"
...