हक या हकीकत
हक़ की बात करके, हर बात सुना देते हैं -
कुछ पल खुशी देकर, सौ गम गिना देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
करके थोड़ा वो, पूरे का एहसास जता देते हैं
अपने कहने वाले ही, परायापन दिखा देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
एक रोशनी जली नहीं की, पानी डाल बुझा देते हैं
दो रिश्तों की बात लगे तो, उनमें आग लगा देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
एक जन्नत सी जिंदगी को, जहन्नुम बना देते हैं।
क्या गलत कहें जमाने को, अपने ही सर झुका देते हैं
मां बाप एक हो, पर बच्चे दो घर बना देते हैं
रोटी दाने से लेकर, मेरा तेरा जता देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
अब वो प्यार कहां रहा अपनों का.. यारों
जो झोपड़ी को भी अपना महल बना देते हैं
हक़ की बात करके, हर बात सुना देते हैं
अपनों परायों का यहां हर खेल निराला हैं
एक नहीं फसां, यहां फसां जग सारा हैं
© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
@Ashishsingh #Ashishsingh #mysteriouswriter
कुछ पल खुशी देकर, सौ गम गिना देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
करके थोड़ा वो, पूरे का एहसास जता देते हैं
अपने कहने वाले ही, परायापन दिखा देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
एक रोशनी जली नहीं की, पानी डाल बुझा देते हैं
दो रिश्तों की बात लगे तो, उनमें आग लगा देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
एक जन्नत सी जिंदगी को, जहन्नुम बना देते हैं।
क्या गलत कहें जमाने को, अपने ही सर झुका देते हैं
मां बाप एक हो, पर बच्चे दो घर बना देते हैं
रोटी दाने से लेकर, मेरा तेरा जता देते हैं
हक की बात करके, हर बात सुना देते हैं
अब वो प्यार कहां रहा अपनों का.. यारों
जो झोपड़ी को भी अपना महल बना देते हैं
हक़ की बात करके, हर बात सुना देते हैं
अपनों परायों का यहां हर खेल निराला हैं
एक नहीं फसां, यहां फसां जग सारा हैं
© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
@Ashishsingh #Ashishsingh #mysteriouswriter