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बस एक विचार... 😊
कई बार कुछ विचार अलग ही दिशा में चले जाते हैं.. बिता वक्त हमने जिया, वह सत्य था पर वर्तमान छण में वह भ्रम सा प्रतीत होता है... आज जो हम जी रहें, आने वाले समय में शायद वह भ्रम बन जाए.. तो "सत्य" क्या है..?

कई बार राह पर चलते चलते किसी इंसान को देखती हूं तो महसूस होता है.. शायद ब्रह्माण्ड ने इसे इसी उद्देश्य से यहाँ भेजा कि में उसे देख सकूं.. और अपने आस पास एक चेतना का अहसास कर सकूं.. कि वह बिलकुल मेरी तरह साँस लेते हैं.. दुनिया को देखते हैं.. पर क्या यह सत्य है या एक "भ्रम"...

मैं जिस नजरिये से दुनिया को देखती हूँ, साँस लेती हूं.. क्या मेरे आस पास नजर आने वाले सभी ऐसा महसूस करते हैं या नहीं.. क्यूंकि मेरा यह जानना तभी संभव हो पायेगा जब जब मेरी चेतना का...