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सूर्य ग्रहण और सत्संग का प्रभाव
एक राजा बड़ा सनकी था। एक बार सूर्यग्रहण हुआ तो उसने राजपंडितों से पूछा, *‘‘सूर्यग्रहण क्यों होता है?’’
पंडित बोले, ‘‘राहू के सूर्य को ग्रसने से।’’
राहू क्यों और कैसे ग्रसता है? बाद में सूर्य कैसे छूटता है?’’
जब उसे इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं मिले तो उसने आदेश दिया, ‘‘हम खुद सूर्य तक पहुंचकर सच्चाई पता करेंगे। एक हजार घोड़े और घुड़सवार तैयार किए जाएं।’’
राजा की इस बात का विरोध कौन करे? उसका वफादार मंत्री भी चिंतित हुआ। मंत्री का बेटा था वज्रसुमन। उसे छोटी उम्र में ही सारस्वत्य मंत्र मिल गया था, जिसका वह नित्य श्रद्धापूर्वक जप करता था। गुरुकुल से मिले संस्कारों, मौन व एकांत के अवलंबन से तथा नित्य ईश्वरोपासना से उसकी बुद्धि सूक्ष्म हो गई थी।
वज्रसुमन को जब पिता की चिंता का कारण पता चला तो...