गुलामी........
हमारा देश तो आजाद हो गया,नया कानून भी बन गया,लेकिन ऐसा कानून बना जो आज भी गुलामी के जंजीर में जकड़ा है,कानून एक ऐसा गुलाम बन गया है जिसको उसके रखवाली करने वाले कभी कुछ चंद पैसे तो कभी कुछ शक्तिशाली लोगो के हाथ बेच देते।फिर क्या फायदा ऐसे कानून और ऐसे आजादी का जो सिर्फ नाम का हो...........कानून के रखवाली करने वाले कसम तो खा लेते की इसको मै अपने जान से पालन करूंगा लेकिन जब बात पैसे की आती तो सब भूल जाते किसी ने सच कहा है जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो कैसे किसी को न्याय मिल सकता और जब रखवाली करने वाले ही गुलाम बना दिया जाए तो उस संसार को विनाश के मार्ग से कोई नही बचा सकता।।
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