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जानता नहीं है कोई
हमारे जख्मों को।।
जान ले गए वो।।
दे गए जख्मों को।।
दस्तके हैं अभी भी उनकी।।
हमारी कहानियों में।।
और वो छोड़ गए निशानी।।
हमारे जहानों में।।
वृंदा ््
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जानता नहीं है कोई
हमारे जख्मों को।।
जान ले गए वो।।
दे गए जख्मों को।।
दस्तके हैं अभी भी उनकी।।
हमारी कहानियों में।।
और वो छोड़ गए निशानी।।
हमारे जहानों में।।
वृंदा ््