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देखो फिर आया वसंत।
धरती के कोने कोने पर,
देखो फिर छाया वसंत।
वृक्षों पर आई हरियाली।
पत्ता - पत्ता डाली - डाली।
बौर सजे, फूल खिले,
प्रकृति को भाया वसंत।
देखो फिर आया वसंत…
सोने सी बालियां चमकी।
चेहरों पर खुशियां चमकी।
झूम गया धरती का लाल,
खेतों में लहराया वसंत।।
देखो फिर आया वसंत…
-शारद पंडित प्रशांत कुमार 'पी.के.'
पाली, हरदोई (उप्र