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आपके जीवन में हर पल हर दम
आप ही के भीतर क्षण क्षण ऐसा
बहुत कुछ चल रहा होता है फ़किरो
जिसका अनुमान अब तक हम बस
किसी काल्पनिक चमत्कार जैसा स्वपन
हकीकत जो त्रिकाल सत्य है भोला
मगर अपने तीसरे नैत्र से भलीभांति
परिचित जो है अपरिचित दाता हमारा
सबकुछ खामोश होकर गवाह फ़किरा
शाक्क्षी अब चुपचाप सब देख रहा है
पाप पुण्य की पोटली छुपाने वाले फ़किरा
आईना वह सब कुछ देख रहा है