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और सरस्वती का अर्थ ज्ञान नहीं knowledge नहीं,
सरस्वती knowingness हैं।
जो आपको जगत की कोई किताब नहीं दे सकते।
किताबें पढ़के व्यक्ति पंडित हो सकता हैं
किंतु पूर्ण नहीं,..
किताबें पढ़के व्यक्ति knowledge का भंडार तो इकठा कर सकता हैं..
किंतु वह महज़ अहम की एक सामग्री हैं यदि आपमें बोध नहीं।
knowledge का सही उपयोग भी व्यक्ति तभी कर सकता हैं जब उस में बोध हो अथवा किसी भी स्तर की knowingness हो।
and यह knowingness महज़ self-awareness से घटित होता हैं।
self-awareness से self-realisation होता हैं और
self-realisation से ही knowingness की घटना घटती।
where you just know...
that's it.
और यही यथार्थ सरस्वती हैं...
और यह पैसों से नहीं मिलती हैं।
यथार्थ में जगत की जो दशा हैं उसका मूल कारण ही सरस्वती का अभाव हैं,
लक्ष्मी का नहीं।
यथार्थ में जगत की maximum समस्या का कारण ही सरस्वती का अभाव हैं
और लक्ष्मी का सदउपयोग महज़ सरस्वती के होने से ही हो सकता हैं।
इसीलिए जगत को लक्ष्मी से अधिक सरस्वती की ज़रूरत हैं
और सरस्वती होगी तो लक्ष्मी भी ज़रूरत अनुसार आ ही जाएगी।
1.04am
3.9.2024