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तेरी इस दुनिया में,
मंजर क्यों है, कहीं अपनापन तो
कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है
सुना है तू इस संसार के
हर ज़र्रे में रहता है,
फिर जमीन पर कहीं मस्जिद,
कहीं मंदिर क्यों है
जब रहने वाले दुनिया के
हर वन्दे तेरे है,
फिर कोई दोस्त तो
कोई दुश्मन क्यों है
तू ही लिखता है हर
किसी का मुकद्दर,
फिर कोई बदनसीब और
कोई मुकद्दर का सिकंदर क्यों है।
©Mr.Aksharjeet
Date. 05.08.2023 #zindagi #WritcoQuote #WritcoQuote #writco #writcoapp #writer #Shayari #yqwriter