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सोफे ने तोड़ा है कमर मेरा
आंधी ने तौला है ज़िगर मेरा
सौ सौ टुकड़े करेंगे जब मेरे
जोश ही होगा हमसफ़र मेरा
वादे सारे नसीब तोड़ गई
कोशिशों ने बुना हुनर मेरा
रेल है, पर नहीं कोई पटरी
बड़ा दिलचस्प है सफ़र मेरा
जिसको माना ख़ुदा वो रूठ गई
कौन लेगा भला ख़बर मेरा
शिकवे सारे मैं अब तो भूल गया
देखो यह खुशनुमा शहर मेरा