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स्त्री सबका ख्याल रख लेती है,
पर खुद का ना रख पाती
उम्मीद करती उन अपनो से,
जिनके लिए जीती।।

कोई पूछे सिर दर्द हो रहा,तो ला दबा दू,
तू आराम कर आज खाना मैं बना दू।।

क्यों सोचती रहती कुछ कुछ
कभी तो खुद का सोच,
जैसे हमारा रखती ध्यान
तू खुद का भी रखा का ख्याल।।

इतने ही बातों से भर जाता है,मन
वो स्त्री है जनाब,सब कर सकेगी
पर उम्मीद आपसे रखती है😊🤗🙏

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#roshniraj❤️