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धीरे धीरे कारवाँ अपने प्रेम का बढ़ाते गए।
बातों ही बातों में कई सारी बात करते गए।।
उधर धड़कते दिल की बस फरमाइश थी।
इधर तड़पते दिल की अनदेखी नुमाईश है।।
न जाने कब चाहत कुछ इस कदर हो गई।
भोली सी सूरत यूँ आँखों मे वो बस गई।।
वो देखते ही देखते हमारी तरफ आते गए।
हम अपनी कहते गए वो मुस्कराते गए।।
कैसे क़ैद हो गया ये उड़ता परवाना प्यार में।
बताया भी नही मुझे और अपना बनाते गए।।
#Shayari
#Love&love
#Heart
#aloksharma