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#Ashwati#kavyatosh#mypoetry
भावार्थ-
इस कलियुग में सत्य वचन कहना अभिशाप सा लगने लगा है जहाँ एक तरफ झूठ फ़रेब हर जगह चलता ही जा रहा है, ठीक वैसे ही पाप भी बड़ता ही जा रहा है |