...

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इक पल जैसे
इक जुग बीता... 🎵
#10yearsoflife
और वे कहते हैं
"कुछ नहीं करना पड़ता... .... "

उत जले दीपक इक मन मेरा
फिर भी ना जाये मेरे घर का अंधेरा
तड़पत तरसत उमर गंवायी.. 🎵


और #10saalbaad भी...
लगा जब भोर हुई...


भोर भी आस की किरन ना लायी
पूछो ना कैसे मैने रैन बिताई.... 🎵

और वो कहते हैं ..
" कुछ नहीं करना पड़ता... "
कितनी आसानी से...।

ठीक हैं...
एक बात के अनेक अर्थ होते हैं..
हम कुछ ग़लत नहीं समझना चाहतें थे...
यदि जो उन्होंने कुछ ग़लत नहीं कहा...
हमने बात करनी चाहि उनसे...
तब क्या कहा...
वे 10 minute से अधिक बात नहीं करते किसी से..
ऐसे नवाबों से बात भी क्या करना..!
#किसी_ से!
और
मैं... #किसी_ हूँ.. !
ऐसे राजा साहेब से क्या बात करना..!
मैं #किसी हूँ जिनके लिए..
तो ग़लत क्या कहां सही ही तो कहा..

" ऐसी वैसी कैसी भी लड़की मे तुम भी तो शामिल हो "

उनके जवाब ने उनके लेख को सार्थक कर दिया...

किंतु हो सकता हैं अब भी वे इल्ज़ाम मुझे ही देंगे..
हो ही सकता हैं..जैसा अब तक करते आए हैं..

अगर मेरी आवाज़ उन तक पहुँच रही हो ना,
अगर अब भी मैं ग़लत मालूम होऊं...
गुनेहगार मे ही मालूम होऊं
तो एक काम करना ये इल्ज़ाम देनें का सिलसिला छोड़
परमात्मा से दुआ में मेरे लिए सज़ा मांग लेना।
तुम अगर सच्चे हो तुम्हारी दुआ कुबूल हो जाएगी..
और मैं यदि ग़लत हूँ, गुनेहगार हूँ किसी का
तो मुझे कोई आपत्ति नहीं सज़ा स्वीकारने में।
हालाँकि..
जब से जनम लिया..
जब से होश संभाला कोशिश सदेव मेरी यही रही..
जितना सभंव हो..
किसी को भी कम से कम कष्ट पहुँचाऊँ।
अकारण किसी को चोट ना पहुंचाऊँ..
इसीलिए इतने होशपूर्ण होकर जीवन को जीआ हैं...
फ़िर जो कोई मुझे गुनेहगार समझे तो परमात्मा से मेरे लिए सज़ा मांग लेना।
मुझे कोई आपत्ति नहीं।
स्वीकार लुंगी उसे भी।

16.4.2024