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हुई मुद्दत कि वो लड़की आज भी याद आती है
जो बिना बात किए मुझसे रह न पाती थी
जो हर पल, हर घड़ी मेरे दिल में रहती थी
जो मेरी रूह ए सांस में बसर करती थी
जो अपनी बेपरवाह हंसी से मन मेरा मोह लेती थी
देख जिसे होठों पर मुस्कान आ जाती थी
ढूंढता हूं तो भी अब वो नज़र नहीं आती
वो लड़की जो हर इक बात पर कहती कि
खुदा ने तेरे संग लिखा है मेरा नसीब।