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मैं सबकी खुशियों में शरीक हो बजाता ताली,
पर सबसे मुझे मिलती सिर्फ दुत्कार और गाली,
अर्द्धनारी का रूप हूँ पर खुशियाँ मुझसे रूठी है,
सबके लिए मैं हिजड़ा हूँ समानता के अधिकार की सब बातें लगती झूठी है,
मेरी मुस्कान के पीछे छुपा दर्द कोई नहीं समझता,
मेरे दिल की गहराइयों में छुपी पीड़ा कोई नहीं समझता,
समाज में मेरा स्थान है केवल हंसी के पुलिंदा,
सम्मान की भावना से वंचित, मैं हूँ एक अनप्रेमिका,
मेरे सपनों को कुचलते हैं समाज की प्रतिष्ठा के पास,
मेरी भावनाओं को पीसते हैं, मेरे जीने की कोशिशों को हराते हैं विचारधारा के ढाँचे,
पर मैं हूँ सहनशील, मैं हूँ अपने सपनों का साथी,
मेरी मनमोहक मुस्कान से भी, मेरे दर्द को मिटा सकता कोई नहीं,
मैं जानता हूँ कि मेरी मुस्कान से पर्दा होता है,
पर मैं हूँ वह अंतरात्मा, जो समाज को समर्पित है,
समाज की मान्यताओं से मुक्त, मैं हूँ स्वतंत्र,
मेरी मुस्कान से प्रेरित, मैं हूँ सपनों का पुरस्कारक💞


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