17 Reads
2122 2122 2122
खूबसूरत है ग़ज़ल सी वो हसीना
ख़्वाब में मेरे है आयी वो हसीना
मरमरीं तन है नहीं आँखें ये टिकती
चाँदनी में है नहायी वो हसीना
ढंग उसके खूब अच्छे मुझको लगते
झूमती गाती गुलों सी वो हसीना
ज़िन्दगी में भर गयी है ताज़गी वो
बन हवा का झोंका आयी वो हसीना
आँच उल्फत की नहीं सह पाती है वो
मोम के जैसे पिघलती वो हसीना
नैन उसके है गुलाबी,मद भरे है
है नशे की एक प्याली वो हसीना
जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव "जीत "
Related Quotes
15 Likes
0
Comments
15 Likes
0
Comments