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डायनासोरस जैसे विशालकाय प्राणी हो, या बुद्ध जैसे महामानव इस श्रृष्टि में जन्म लेकर यहीं इसी मिट्टी में विलीन हुए। यह प्रमाण है, की कोई भी इस सांसारिक कालचक्र से बच नहीं पाया। यदि ऐसा कोई है, कहता है, या कहलवाता है, तो वह है ही नहीं, वह केवल असत्य है।
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