11 Reads
सुन ! ऐ नेमत-ए-ज़ीस्त मेरी,
तू आरजू-ए-आशिक़ी है मेरी,
इक मुहाफ़िज़ हूँ मैं तेरे अत्फ़ का
यही सादगी, यही बानगी है मेरी.
नेमत-ए-ज़ीस्त - Gift of life.
मुहाफ़िज़ - Admire.
अत्फ़ - Love, Kindness.
बानगी - Hallmark
@Ajay #Ajayarun #lovelife #love #hindi #urdu #shayari