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इतने भी नादान नहीं ह्रदय की बात अधर पर धर तोलें,
सबकुछ शब्दों में बोलें बोल और तू सुन ले - समझ ले;
अगर मुख से बोल खोले दिल के राज तो क्या बोले,
बात तब है, जब मैं आंखों से बोलूं तू आँखो से सुनले।