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समझ ले मुझको
मैं कोई कठिन सवाल नहीं.....
कही जबतक समझ पाए तू,
मै तुझे मिलूँ ही नहीं
रह जाएंगी शायद तब,
ये खामोश दीवारें,
जो सुनती तो है सिसकियाँ,
पर बताती नही........
जब कही हुई बातें तू
समझ न पाया तो
ये खामोशियां तुझे समझ आएगी कही?
मत पड़ना तब तुम इस
समझने समझाने के खेल में
मेरी जैसी तो तुझे मिल जाएगीं कई..........