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कुछ लिखू ये दिल चाहता हैं
जिसने मुछे सीने से लगा कर, एक नया गीत बनाया, पहली बार जिसने अपनी छिछक भूल कर गुन -गुनते हुए पुरे आंगन मे मेरे संग खुद को नचाया, वो भूल गए एक पल को, कि छवि कैसी कठोर सी थी उस घर मे उनकी, आज वो चेहरा सब के सामने हैं मुस्कुराया, मन मे छिपाये हजार बात जो भावनाओं को दबाते थे, कठोर बन जो सब को दीखते थे, वो मेरे अजाने से कैसे मुस्कुराते थे, गुड़िया कह कर मुछे बुलाते थे, जन्मदिन हैं उनका आया जो हरवक्त मुछे दुनिया के भीड़ से बचाते थे. happy birthday papaaaaa😘😘😘😘😘😍😍😍🙏🙏🙏