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फिजा में घुल रहीं बातें तुम्हारी,
मजे से कट रही रातें तुम्हारी।
जागा देर तक मैं सो न पाया,
बहुत तड़पा रहीं यादें तुम्हारी।।
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फिजा में घुल रहीं बातें तुम्हारी,
मजे से कट रही रातें तुम्हारी।
जागा देर तक मैं सो न पाया,
बहुत तड़पा रहीं यादें तुम्हारी।।