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मन की मर्जी पर चलो पर ,थोड़ा तो अंकुश रखो
ख्वाहिशों की उड़ान में ,सुनो ज़रा संतुलन रखो।

दिल और मन के आवेशों में देखो बहना है आसान
ज़िंदगी सफर है कांटो भरा, इसलिए बनो होशियार।

चाहतों के लहरों में बहना है, देखो बहुत ही आसान,
संयमित रखो जीवन की नैया को,जाना है उस पार ।

सपनों की रंगीनियों में, देखो खो न जाए मन का मान,
धैर्य और विवेक का साथ रखो, यही है सच्ची पहचान।

सफलता के शिखर पर चढ़ो, पर जमीं को भी संभालो,
हो मन की मर्जियां पर सारी जिम्मेदारियों को निभाओ।

राहों में अगर अंधेरा हो, तो हौसले की ज्योत जलाओ,
मंजिल तक पहुँचना है हमें, बस मन को स्थिर बनाओ।