...

4 Reads

"  तुझे देखने की हसरत बार - बार पाली हैं ,
कि कई दफा ये‌ मलाल दिल‌ से कहीं गया ही‌ नहीं‌ ,
इस अंजुमन में फिर तुझसे कैसे कहा क्या मिला ,
ये हकीकत भी बकायदा अभी फंसाने ही है . "

--- रबिन्द्र राम

#हसरत #दफा #मलाल #अंजुमन #हकीकत #फंसाने