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आप जैसे भी हैं कैसे भी हैं
मेरा यकीन मानिए आप
आप मित्र मेरे आप
बहुत ही अनमोल है
अच्छा है अगर आप
दुसरो की तरह नहीं है
बन्ना आखिर किसे पड़ता है?
जो कुछ भी है ही नहीं !
एक मृत्र प्राणी के अलावा
और कुछ भी नहीं !
लेकिन अगर आप
जीन्दा हो !
अगर आप में अभी भी
सांसें चल रही है
तो याद रखो फ़कीरो
नज़रिये के भी बदल जाने से
कभी कभार अक्सर
सोच ऐ सपने शब्द तबाएंफ
नंगी के नंगी नजारे
हरगीज अच्छी
नहीं लगती !