4 Reads
" ये फ़ैज़ तेरी हैं एहसास लिये बैठे हैं ,
मुख्तलिफ बातों में अब तेरी बातें लिये बैठे हैं ,
गुंजाइश कुछ भी हो आज नहीं तो कल मुकम्मल हो जायेंगी कुछ ना कुछ ,
जाने ये दुआ कब काम आयेगी एसे में तेरे इश्क मुहब्बत का सजदा करने बैठे हैं ."
--- रबिन्द्र राम
#फ़ैज़ #मुख्तलिफ #गुंजाइश #मुकम्मल #दुआ #इश्क #मुहब्बत #सजदा
Related Quotes
4 Likes
5
Comments
4 Likes
5
Comments