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तन्हाई में दिल अक्सर ये,
मुझसे झगड़ा करता है,
तुम्हारी ही बातों में मुझको,
कितना उलझा रखा है,
अब तो दिल के दर्पण में,
बस एक तुम्हारा ही चेहरा रहता है
एक तुम्हारे मिल जाने से,
सबकुछ पूरा लगता है
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तन्हाई में दिल अक्सर ये,
मुझसे झगड़ा करता है,
तुम्हारी ही बातों में मुझको,
कितना उलझा रखा है,
अब तो दिल के दर्पण में,
बस एक तुम्हारा ही चेहरा रहता है
एक तुम्हारे मिल जाने से,
सबकुछ पूरा लगता है