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ग़ज़ल-249/2022,
फ़ातिहा- मरे हुए इंसान की रूह के सुकून के लिए उनकी कब्र पर दुआ पढ़े जाने की एक रस्म।
तुर्बत-कब्र
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ग़ज़ल-249/2022,
फ़ातिहा- मरे हुए इंसान की रूह के सुकून के लिए उनकी कब्र पर दुआ पढ़े जाने की एक रस्म।
तुर्बत-कब्र