...

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तुमने चुप रहना आसान समझा
और उस वक़्त भी चुप
जब सुलह की जरुरत थी...
तुमने छोड़ दिया गाँठ मेरे दुःख का
जब-जब ये खुद खुलती हैं देती हैं खरोंचें।
लेकिन क्या अफ़सोस नहीं हुआ तुम्हें ???
ऐसे साथ होने का !!

खरोंचें || तान्या सिंह
#atnya© #Writco #poetry