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हम तो इतने modern इतने एडवांस नहीं हुए भाई...
के किसी की ऐसी हरकतों को झेलेंगे..
अपने मान सम्मान को ताक पे रख के...
इतने वर्ष झेला सोचा शायद नासमझ हैं
बात करूँगी तो चीज़ें ठीक हों जाएं..
मग़र उनका क्या करना जो बात भी करने को तैयार नहीं
हमेशा हर वक़्त अपनी मनमानी
चीज़ों को सुलझाने से अधिक उनको उलझाने में contribution अधिक रहा हैं...
जैसे सब जान कर करते हों...
और यदि हमें अपनी ज़िंदगी से दूर ही भगाना था
तो इन सब हरकतों की ज़रूरत नहीं थी..
कहा था हमने...
सिर्फ़ हमसे एक बार कहदो यदि तुम चाहते हो
हम दूर चले जाएं..!
हम हमेशा के लिए तुमसे दूर चले जाएंगे कभी मुड़ कर नहीं देखेंगे, चीज़ें सुंदर तरीके से भी end हो सकती थी
मग़र मज़ा कैसे आता किसी के emotions के साथ खेलें बिना..
आपके प्रति दूसरे के emotions आपके ego को boost देते हैं और ये psychogical fact हैं..
जो लोग बुद्धि से प्यार करते हैं उनके लिए
किंतु कारण कोई भी होता
हर सूरत में यह ग़लत था!
आपको इतनी समझ नहीं होती के आपकी हरकतों का किसी के जीवन पर
किसी के health पर उसका क्या असर होता होगा आपको इसकी ज़रा फ़िकर नहीं...
और आप प्यार की बात करते हैं...
यदि प्यार किया होता तो और कुछ नतो तो कम से कम उसके health की तो आपको परवाह होती..
के आपकी हरकतें किसी के mental and physical health पर किस तरह का बुरा असर डाल सकती हैं...
इतना sense तो प्यार को आ ही जाता हैं...
के कम से कम मेरी किसी गेर ज़रूरी बात से तो कम से कम किसी को ज़रा भी hurt ना हो।
और ऐसा नहीं था के इस रिश्तें के लिए जो ज़रूरी था वो आप कर नहीं सकते थे,
सब कर सकते थे
बात महज़ इतनी थी करना चाहते थे या नहीं
क्यों करना चाहते भला... !?
प्यार इतनी आसानी से जो मिल गया..
कुछ नहीं करना पड़ता... सारा sacrifice तो सामने वाले को करना पड़ा.. आपको क्या करना पड़ा!?कुछ नहीं
#diary