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किंतु अस्तित्व को शायद कुछ और ही मंज़ूर था...
उन्होंने इस रिश्तें को इतने वर्ष भगवान भरोसे छोड़ दिया...
इसीलिए इतने वर्ष बाद... हमने भी उनके लिए हमारी परवाह को राम भरोसे ही छोड़ दिया।
राम ही देखे अब अपनी संतानों को..
भला बुरा वे सब जानें हैं.... तो अब वे ही खयाल रखे अपने बच्चे का।
मैं तो मुक्त हूँ अब...
उनके प्रति सभी जिम्मेदारियों से... ।
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