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मोह तब तक ठीक है जब तक वो जरूरतों को पूरा करे , किन्तु जब मोहवश कोई पिता या कोई भी व्यक्ति किसी की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने लगता है तो वो दोनों ही विनाश की ओर बढ़ने लगते हैं क्योंकि महत्वाकांक्षाओं की कोई सीमा नहीं होती।🙏
#mahabharatlessons