...

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कुछ भी❤
बस यूँ ही❤

फिर से बसंत का मौसम..... और वो तेरे वादे.....!!
फीके हो चुकी है अब तो मेहंदी भी कब की....!!
आखों में भी कहाँ अब वो.... शिकवे_ शिकायत बचे है......!!
इंतज़ार...... अब नहीं दिखता ....!!
मौत के अलावा किसी का भी....!!

#बस_यूही
#कुछ_भी
#सब_बातें हैं