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लाख करा लो घुषपैठी लाख गिरा दो बमबारी
घर में घुस कर हम, तूमको पाठ पढ़ाने आए हैं
वीर सपूतों के रक्तो से, माँ का आंचल लाल हुआ
खुद जागकर हम तुमको नींद से सुलाने आए हैं
चल कर अग्निपथ पर हम ज्वाला बनकर आए हैं
सुन लो ए देश के दुश्मन, हम तुमको मिटाने आए हैं।।