...

12 Reads

ख़ामोश भंवर तोड़ चह चहाने दे,
पंख फैला गगन में उड़ जाने दे;
आज़ चैतन्य दीपक चेता लेने दे,
तम से भरी रात को मिट जाने दे।

गगन में नव सूर्योदय हो जाने दे,
लचकती डाल पे पुष्प खिलने दे;
पंछी भंवरा तितली को नाचने दे,
पवन संगीत पर नव गीत गाने दे।

ज़िन्दगी को लेने दे एक अंगड़ाई,
बदरी बरसने दे मिटने दो तन्हाई;
दिल की पूरी होने दो फरमाइश,
पावन- प्रेम की बजने दें शहनाई।

पलकों पर सजाए सुनहरे सपने,
परों पर उठाये है अयन के तिनके;
जब से बिखरे हैं, मन के मणके,
चलो देखते हैं बादलों पर चलके।