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जिन्दगी सकारात्मकता से भरी पड़ी है बस फर्क इतना है हमारा आपका नज़रिया सकारात्मक कम नकारात्मक की तरफ अधिक प्रभावित होता है
नज़रिया बदलने की देर है नकारात्मक में भी आपको सकारात्मक नज़र आने लगेगा