...

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जो मुक्त है वह किसी भी प्रश्न से आहत नही होगा ।
न उसे किसी को उत्तर देने की आवश्यकता महसूस होगी।
अगर हम आहत हो रहे है तो खुद का परीक्षण करना आवश्यक बन जाता है ।
दूसरों के लिए नही अपने आप के लिए ।
इसका अर्थ स्थितप्रज्ञता अभी तक हमें साध्य नहीं हुई है । बिलकुल नहीं ...🙏🏻

कठिन तप है स्थितप्रज्ञ होना ।
केवल कठिन ...
लेकिन असम्भव भी नही,,,🧘‍♂️

#Life_is_a_journey !💞🙌🙌🫂🙏🏻

किसी की हो गई कबूल दुआ पहली चौखट पर
कोई दर दर भटकता मंदिरो और मजारो में रहा...
किसी ने पा लिया मंज़िल का दरवाज़ा जल्दी
कोई जिंदगी की आधी उम्र अंगारो में रहा...!