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खबर कभी तुझे इस दिल ने पड़ने ही कहां दी,
कि ये दिल तुझे कितना चाहता है

डर है इसे, अगर तुमने अपनी बेरूखी दिखाई
तो मेरी ये चाहत कहीं कम ना हों जाएं

ख्वाबों में जो मैं तेरे इतना पास हूं,
तेरी बेरुखी से कहीं तुझसे दूर ना हो जाऊं

सोचों, तेरे लिए जो चाहत है उससे इतना इश्क है
तों तुझसे कितनी मोहब्बत होगी मुझे

तुझसे कुछ नहीं चाहिए मुझे,बस तू
यूं ही हंसते रहा कर कि तुझे देख
ये दिल भी हस लेता है इसी बहाने