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जब डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर विदेश से पढ़ाई कर भारत लौटे, तो प्रोफेसर की तौर पर उन्हें एक नौकरी मिली थी। पहले ही दिन को एक चपरासी ने ,जाति के कारण; मटके से पानी पीने से मना किया। उसी क्षण ने बाबासाहेब जी का वह दिन बदल दिया।
उस दिन बाबासाहेब घर वापस आकर बहुत रोये थे।
लेकिन उसी दिन बाबासाहाब ने निश्चय किया कि, यह जाति पातीं को नष्ट कर देंगे।‌ उसी दिन से उनका जीवन बदल गया।
और पूरे जीवनकाल वो इसी भेदभाव के विरोध में लड़ रहे थे। उनके जाने के बाद भी,आज भी उनका संघर्ष जारी है।
उनके जीवन ने पूरे विश्व को बदल दिया है।
लेकिन,
अफसोस इस बात का हैं कि, जिस भारत में वो जन्मे, जिन लोगों के लिए वो लड़ते रहे, बलिदान दिया।‌ उनमें से 75 फीसदी लोगों को उनके कार्यों के बारे में पता नहीं है। और जानबूझकर कुछ लोग डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के संघर्ष को आम लोगों से छुपाते आए हैं।या उनके खिलाफ बातें कर भड़का रहे हैं।
लेकिन इसके बावजूद, दुनिया के बहुतांश देश ऐसे हैं, कि वहां कि सरकार और लोग डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी को अपना आदर्श मानते हैं। भगवान से भी ज्यादा मानते हैं।

भगवान गौतम बुद्ध ने दुनिया को नयी दिशा दी विचार दिए। संघर्ष जीवन में कितना जरूरी है, क्यों जरूरी है यह समझ दी। शांति,‌प्रेम, दया का अर्थ और आवश्यकता समझाई।और इन्हीं के मार्ग पर चलते हुए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने हमें दुनिया का सबसे शक्तिशाली ग्रंथ,
" संविधान " दिया है।
जाति भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने वाले राजर्षी शाहू महाराज ने उन्हें " आधुनिक दुनिया के बुद्ध"कहा है।
हम तो उन्होंने आधुनिक बुद्ध ही कहते हैं !!!
!!!🙏शत् शत् नमन🙏!!!