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Maturity is:
जब हमें समझ आता है की-
१) हमें किसी के सहारे की ज़रूरत नहीं।
२) प्रेम नाम के धोखे में इस्तेमाल किया जाता है।
३) विश्वास नाज़ुक धागा सँभालो तो भी टूटेगा ही।
४) ज़िंदगी किसी के लिए बिता देना ज़रूर टालना।
५) नियतिने लिखा हुआ, बदलना कठिन है।