7 Reads
1212 /1122 /1212/ 22
हवाएं कसतीं रहीं, पर बहाव ना बदला
पहाड़ मिलते रहे, पर लगाव ना बदला
चले, चले, रुके कैसे कभी कदम मेरे
सिने में जल रहा जो, वो अलाव ना बदला
7 Reads
1212 /1122 /1212/ 22
हवाएं कसतीं रहीं, पर बहाव ना बदला
पहाड़ मिलते रहे, पर लगाव ना बदला
चले, चले, रुके कैसे कभी कदम मेरे
सिने में जल रहा जो, वो अलाव ना बदला